Everest Meri Shikhar Yatra Class 9 : The Sparsh Part Ist Book For Class 9 Students Is Specifically Designed For The Hindi Core Course. We Are Going To Provide You A Detailed Collection Of Prashn Uttar And Their Answers In PDF Format Style For Hindi Sparsh Chapter 2 Everest Meri Shikhar Yatra Written By Bachendri Pal
Book: | स्पर्श भाग 1 हिंदी |
Chapter: | एवरेस्ट मेरी शिखर यात्रा |
Writter: | बचेंद्री पाल |
Class: | 9th |
Board: | Cbse |
Class 9th Hindi Everest Meri Shikhar Yatra Question Answer
मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए
प्रश्न 1. अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था?
उत्तर: अग्रिम दल का नेतृत्व उपनेता प्रेमचंद कर रहे थे। उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर पूरे अभियान का मार्गदर्शन किया और कठिनाइयों के बावजूद साहसिक तरीके से अभियान को सफल बनाने का प्रयास किया।
प्रश्न 2. लेखिका को सागरमाथा नाम क्यों अच्छा लगा?
उत्तर: लेखिका को सागरमाथा नाम इसलिए अच्छा लगा क्योंकि यह नाम हिमालय की महिमा और ऊँचाई को दर्शाता है। यह नाम एवरेस्ट के सौंदर्य और उसकी विशालता के साथ न्याय करता है, जो लेखिका को अत्यधिक प्रभावित करता है।
प्रश्न 3. लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा?
उत्तर: लेखिका को बर्फ का एक विशाल पिंड ध्वज जैसा प्रतीत हुआ। यह दृश्य उसे एक राष्ट्रध्वज की तरह प्रतीत हुआ, जो एवरेस्ट की ऊँचाई और उसकी गरिमा का प्रतीक था।
प्रश्न 4. हिमस्खलन से कितने लोगों की मृत्यु हुई और कितने घायल हुए?
उत्तर: हिमस्खलन में चार लोगों की मृत्यु हो गई और कई लोग घायल हुए। इस आपदा ने पूरे अभियान पर गहरा असर डाला, जिससे सभी सदस्यों को सावधानी बरतने की जरूरत महसूस हुई।
प्रश्न 5. मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने क्या कहा?
उत्तर: मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने कहा कि एवरेस्ट जैसे अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु को भी सहज भाव से स्वीकार करना चाहिए, क्योंकि यह पर्वतारोहण का हिस्सा है।
प्रश्न 6. रसोई सहायक की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर: रसोई सहायक की मृत्यु हिमस्खलन के दौरान हुई। यह घटना सभी के लिए बहुत दुःखद और दिल को छू लेने वाली थी, जिसने अभियान के हर सदस्य को गहरा आघात पहुँचाया।
प्रश्न 7. वैंफप-चार कहाँ और कब लगाया गया?
उत्तर: वैंफप-चार दक्षिणी कोल पर लगाया गया, जब पर्वतारोहियों ने शिखर के समीप पहुँचने की तैयारी शुरू की। इस स्थान पर उन्हें अगले दिन की चढ़ाई के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार होना था।
प्रश्न 8. लेखिका ने शेरपा वुफली को अपना परिचय किस तरह दिया?
लेखिका ने शेरपा वुफली को साहस और अनुभव के साथ अपना परिचय दिया। उसने अपने शांत और दृढ़ व्यक्तित्व के माध्यम से उसे अपने कार्यक्षमता का अहसास कराया।
प्रश्न 9. लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने उसे किन शब्दों में बधाई दी?
उत्तर: कर्नल खुल्लर ने लेखिका को उसकी सफलता पर बधाई देते हुए कहा कि वह एक सच्ची पर्वतारोही है, जिसने कठिन परिस्थितियों में धैर्य और साहस का प्रदर्शन किया है।
लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर ( 25-30 शब्दों में ) लिखिए
प्रश्न 1. नजदीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को कैसा लगा?
उत्तर: नजदीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को एक अद्भुत और दिव्य अनुभव हुआ। पर्वत की विशालता और शीतलता ने उसे अवाक कर दिया। उसे ऐसा प्रतीत हुआ जैसे वह किसी दैवीय शक्ति के समक्ष खड़ी है, जो उसकी सभी इंद्रियों को जाग्रत कर रही हो।
प्रश्न 2. डॉ. मीनू मेहता ने क्या जानकारियाँ दीं?
उत्तर: डॉ. मीनू मेहता ने पर्वतारोहियों को ऊँचाई पर होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी दी और उनसे बचने के उपायों को समझाया। उन्होंने विशेष रूप से ऑक्सीजन की कमी और ठंड के प्रभाव पर चर्चा की, ताकि सभी पर्वतारोही सुरक्षित रह सकें।
प्रश्न 3. तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ में क्या कहा?
उत्तर: तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ करते हुए कहा कि उसने कठिन परिस्थियों में भी धैर्य और साहस का परिचय दिया है। उसने लिखा कि लेखिका ने शिखर तक पहुँचने के लिए समर्पण और मेहनत का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।
प्रश्न 4. लेखिका को किनके साथ चढ़ाई करनी थी?
उत्तर: लेखिका को अपने सहायक शेरपा और अन्य पर्वतारोहियों के साथ मिलकर चढ़ाई करनी थी। इस यात्रा में उसकी टीम ने उसे हर कदम पर सहयोग दिया और सभी ने मिलकर इस चुनौतीपूर्ण सफर को पूरा किया।
प्रश्न 5. लोपसांग ने तंबू का रास्ता कैसे साफ किया?
उत्तर: लोपसांग ने तंबू तक पहुँचने के लिए बर्फ के ऊपर जमा हुए ढेर को हटाकर एक साफ और सुरक्षित मार्ग तैयार किया। उसने अपने अनुभव और कुशलता से सभी को सुरक्षित तंबू तक पहुँचाया।
प्रश्न 6. साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी कैसे शुरू की?
उत्तर: साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अपनी ऊर्जा का संरक्षण करते हुए आवश्यक उपकरणों की जांच की और अपने मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को स्थिर रखा। अगले दिन की कठिन चढ़ाई के लिए उसने अपनी योजना को अंतिम रूप दिया।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर (50-60 शब्दो में) लिखिए
प्रश्न 1. उपनेता प्रेमचंद ने किन स्थितियों से अवगत कराया?
उत्तर: उपनेता प्रेमचंद ने टीम को एवरेस्ट अभियान के दौरान आने वाली विभिन्न कठिनाइयों से अवगत कराया, जैसे तेज हवाएं, हिमस्खलन का खतरा, ऑक्सीजन की कमी और मौसम की अनिश्चितता। उन्होंने यह भी बताया कि चढ़ाई के दौरान संयम और धैर्य से काम लेना जरूरी है ताकि सभी सुरक्षित रूप से शिखर तक पहुँच सकें।
प्रश्न 2. हिमपात किस तरह होता है और उससे क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?
उत्तर: हिमपात ऊँचाई वाले क्षेत्रों में तब होता है जब तापमान अत्यधिक कम होता है और हवा में नमी जमकर बर्फ के रूप में गिरती है। हिमपात से वातावरण में अत्यधिक ठंड बढ़ जाती है, जिससे मार्ग अवरुद्ध हो जाते हैं, और चढ़ाई के दौरान खतरनाक परिस्थितियाँ उत्पन्न होती हैं। इससे बर्फ के पिंड भी ढह सकते हैं, जो जीवन के लिए घातक सिद्ध हो सकते हैं।
प्रश्न 3. लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ पिंड का वर्णन किस तरह किया गया है?
उत्तर: लेखिका ने तंबू में गिरे बर्फ के पिंड को एक विशाल, ठंडे और कठोर ध्वज की तरह वर्णित किया है। वह बताती हैं कि यह पिंड अचानक से तंबू के अंदर गिरा और उसके कारण तंबू का संतुलन बिगड़ गया। यह स्थिति अचानक और डरावनी थी, जिससे उसे तुरंत प्रतिक्रिया देनी पड़ी।
प्रश्न 4. उत्तर:लेखिका को देखकर ‘की’ हक्का-बक्का क्यों रह गया?
उत्तर: ‘की’ लेखिका को देखकर हक्का-बक्का इसलिए रह गया क्योंकि उसने लेखिका के साहस, दृढ़ निश्चय और शारीरिक सहनशक्ति की अपेक्षा नहीं की थी। एक महिला होकर इतनी कठिन परिस्थितियों में एवरेस्ट की चढ़ाई करते देखना उसके लिए अविश्वसनीय था, जिसने उसे चौंका दिया।
प्रश्न 5. उत्तर:एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल कितने कैंप बनाए गए? उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर: एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल चार मुख्य कैंप बनाए गए थे, जिनमें प्रत्येक कैंप एक विशिष्ट ऊँचाई पर स्थित था। पहले कैंप में पर्वतारोही आवश्यक सामग्रियों को संगठित करते थे, जबकि अगले कैंपों में चढ़ाई के दौरान आराम और मौसम का अध्ययन किया जाता था। सबसे आखिरी कैंप शिखर से सबसे निकट था, जहाँ से अंतिम चढ़ाई शुरू की जाती थी।
प्रश्न 6. उत्तर:चढ़ाई के समय एवरेस्ट की चोटी की स्थिति कैसी थी?
उत्तर: चढ़ाई के समय एवरेस्ट की चोटी पर अत्यधिक ठंड और बर्फ जमा थी। हवाएँ बहुत तेज थीं और ऑक्सीजन की कमी महसूस हो रही थी। शिखर पर जाने का मार्ग भी कठिन और खतरनाक था, जहाँ एक गलत कदम जीवन के लिए संकट पैदा कर सकता था। इन परिस्थितियों ने चढ़ाई को अत्यधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया।
प्रश्न 7. सम्मिलित अभियान में सहयोग एवं सहायता की भावना का परिचय बचेंद्री के किस कार्य से मिलता है?
उत्तर: सम्मिलित अभियान में सहयोग और सहायता की भावना का परिचय बचेंद्री के उस कार्य से मिलता है जब उसने अपने साथियों की मदद की और कठिन परिस्थितियों में भी दूसरों का मनोबल बढ़ाया। उसने टीम के अन्य सदस्यों को मार्गदर्शन दिया और अपने अनुभव के आधार पर चढ़ाई के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने के उपाय बताए, जिससे पूरी टीम का आत्मविश्वास बढ़ा।
(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
प्रश्न 1. एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।
उत्तर: इस पंक्ति का आशय यह है कि एवरेस्ट जैसी कठिन और चुनौतीपूर्ण चढ़ाई में खतरों का होना स्वाभाविक है। यहाँ पर्वतारोहियों को जोखिम का सामना करना पड़ता है और कभी-कभी यह जोखिम जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए, ऐसे अभियान में जाने वाले लोगों को इन खतरों को सहजता से स्वीकार करना चाहिए। यह मानसिकता और धैर्य का प्रतीक है, जो उन्हें कठिन परिस्थितियों में भी हिम्मत बनाए रखने में मदद करता है। पर्वतारोही इस भाव से चढ़ाई करते हैं कि मृत्यु भी इस साहसिक यात्रा का एक हिस्सा हो सकती है, जिसे स्वीकार करना ही होगा।
प्रश्न 2. सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े हिम-विदर में बदल जाने का मात्र खयाल ही बहुत डरावना था। इससे भी ज्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रयास के दौरान हिमपात लगभग एक उत्तर: दर्जन आरोहियों और शेरपाओं को प्रतिदिन छूता रहेगा।
इस पंक्ति का तात्पर्य यह है कि पर्वतारोहण के दौरान धरातल पर अचानक से दरार पड़ने का विचार ही अत्यधिक डरावना है, क्योंकि यह दरार कभी भी गहरे और चौड़े हिम-विदर में बदल सकती है। हिम-विदर से गिरने का खतरा बहुत ही घातक होता है। इसके अलावा, यह जानकारी कि हिमपात लगातार आरोहियों और शेरपाओं को प्रभावित करता रहेगा, और हर दिन उन पर बर्फ गिरने का खतरा मंडराता रहेगा, इस डर को और भी भयानक बना देता है। यह भय व्यक्ति के मानसिक संतुलन और धैर्य की परीक्षा लेता है।
प्रश्न 3. बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैंने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में लपेटा, छोटी-सी पूजा-अर्चना की और इनको बर्फ में दबा दिया। आनंद के इस क्षण में मुझे अपने माता-पिता का ध्यान आया।
उत्तर: इस वाक्य का आशय है कि कठिन परिस्थितियों में व्यक्ति अपने विश्वास और श्रद्धा के प्रतीकों की ओर मुड़ता है। लेखिका ने अपनी चढ़ाई के दौरान दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा अपने साथ रखी थी। यह उनके लिए शक्ति और साहस का प्रतीक था। पर्वत की ऊँचाई पर इनकी पूजा करके, उन्होंने बर्फ में इन्हें दबा दिया, मानो वे अपनी यात्रा और जीवन की सफलता के लिए आशीर्वाद ले रही थीं। इस क्षण ने उन्हें उनके माता-पिता की याद दिलाई, जिन्होंने उन्हें जीवन के इस कठिन मार्ग पर साहस और संस्कार दिए थे।
Conclusion: We Hope That The NCERT Solution For Class 9 Sparsh Hindi Chapter 2 Question Answer Everest Meri Shikhar Yatra Have Been Helpful And Your Issues Have Been Resolved. We Are Looking Forward To Seeing You Again Soon and Thank You For Visiting Our Site, And We Wish You Success In Your Studies.